सुश्री दीपा लाभ
(सुश्री दीपा लाभ जी, बर्लिन (जर्मनी) में एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। हिंदी से खास लगाव है और भारतीय संस्कृति की अध्येता हैं। वे पिछले 14 वर्षों से शैक्षणिक कार्यों से जुड़ी हैं और लेखन में सक्रिय हैं। आपकी कविताओं की एक श्रृंखला “अब वक़्त को बदलना होगा” को हम श्रृंखलाबद्ध प्रकाशित करने का प्रयास कर रहे हैं। आज प्रस्तुत है इस श्रृंखला की अगली कड़ी।)
☆ कविता ☆ अब वक़्त को बदलना होगा – भाग – 9 ☆ सुश्री दीपा लाभ ☆
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अब वक़्त आ गया है बन्धु
आचरण से क्रान्ति लाने का
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अब वक़्त आ गया है बन्धु
मन से हर क्लेश हटाने का
सम्बन्ध प्रगाढ़ बनाने का
मानव का मान बढ़ाने का
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अब वक़्त आ गया है बन्धु
सीता का हरण बचाने का
रावण को आग लगाने का
हर मन में राम बसाने का
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अब वक़्त आ गया है बन्धु
सोते भाग्य जगाने का
विकास का परचम लहराने का
चाणक्य नीति अपनाने का
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आओ प्रण लें आज अभी
भारत हम नया बनाएँगे
नसीहतें देना आसान है, पर
हम अपना फ़र्ज़ निभाएँगे
भोली जनता के मन में अब
कर्तव्य का दीप जलाएँगे
प्रगति पथ पर चलने हेतु
अब पीढ़ी नई गढ़ना होगा
अब वक़्त को बदलना होगा
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© सुश्री दीपा लाभ
बर्लिन, जर्मनी