श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी के साप्ताहिक स्तम्भ “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता “सजल – बदल गया है आज जमाना”। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।
मनोज साहित्य # 127 – सजल – बदल गया है आज जमाना ☆
समांत – आह
पदांत – कीजिए
मात्रा भार – सोलह
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उर से कभी न आह कीजिए।
उमर गई अब वाह कीजिए ।।
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बदल गया है आज जमाना।
भेद-भाव का दाह कीजिए ।।
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चौथा-पन आया है द्वारे।
मिल-जुल सभी सलाह कीजिए।।
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माता नहीं कुमाता होती।
कर चिंता परवाह कीजिए।।
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जन्म दिया है जिनने तुमको।
उनसे प्यार अथाह कीजिए।।
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© मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
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