प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

(आज प्रस्तुत है गुरुवर प्रोफ. श्री चित्र भूषण श्रीवास्तव जी  द्वारा रचित एक प्रेरक रचना  – “मतदान करो !। हमारे प्रबुद्ध पाठकगण प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ जी  काव्य रचनाओं को प्रत्येक शनिवार आत्मसात कर सकेंगे।) 

☆ काव्य धारा # 176 ☆

☆ “मतदान करो !” ☆ प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ 

जो कुछ जनहित कर सके , उसकी कर पहचान

मतदाता को चाहिये , निश्चित हो मतदान

 *

अगर है देश प्यारा तो , सुनो मत डालने वालों

सही प्रतिनिधि को चुनने के लिये ही अपना मत डालो

 *

सही व्यक्ति के गुण समझ , कर पूरी पहचान

मतदाताओ तुम करो , सार्थक निज मतदान

 *

सोच समझ कर , सही का करके इत्मिनान

भले आदमी के लिये , करो सदा मतदान

 *

जो अपने कर्तव्य  का , रखता पूरा ध्यान

मतदाता को चाहिये , करे उसे मतदान

 *

लोकतंत्र की व्यवस्था में , है मतदान प्रधान

चुनें उसे जो योग्य हो , समझदार इंसान

 

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

ए २३३ , ओल्ड मीनाल रेजीडेंसी  भोपाल ४६२०२३

मो. 9425484452

[email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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