श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी के साप्ताहिक स्तम्भ “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता “ईश्वर ने उपकार किया है…”। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।
मनोज साहित्य # 129 – ईश्वर ने उपकार किया है… ☆
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ईश्वर ने उपकार किया है ।
धरती का शृंगार किया है।।
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संघर्षों से जीना सीखा,
मानव का उद्धार किया है।।
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निज स्वारथ में डूबे रहते,
उनने बंटाढार किया है।
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संस्कार को जिसने रोपा,
सुख का ही भंडार किया है।
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लालच बुरी बला है यारो,
कुरसी पा अपकार किया है।
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जब-जब नेता भरें तिजोरी,
जन-मन अत्याचार किया है।
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सुख-दुख जीवन में हैं आते,
यही सत्य स्वीकार किया है।
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सुख की बदली जब भी बरसी,
जनता ने आभार किया है।
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© मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”
8/5/2024
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