श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
(सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ जी अर्ध शताधिक अलंकरणों /सम्मानों से अलंकृत/सम्मानित हैं। आपकी लघुकथा “रात का चौकीदार” महाराष्ट्र शासन के शैक्षणिक पाठ्यक्रम कक्षा 9वीं की “हिंदी लोक भारती” पाठ्यपुस्तक में सम्मिलित। आप हमारे प्रबुद्ध पाठकों के साथ समय-समय पर अपनी अप्रतिम रचनाएँ साझा करते रहते हैं। आज प्रस्तुत है आपकी एक अप्रतिम बाल कविता – “करें ज्ञान विज्ञान की बातें…” ।)
☆ तन्मय साहित्य #233 ☆
☆ बाल कविता – करें ज्ञान विज्ञान की बातें… ☆ श्री सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ ☆
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करें ज्ञान विज्ञान की बातें
क्यों होते दिन होती रातें।
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तारे टिमटिम क्यों क tvरते हैं
दूर गगन में क्यों रहते हैं।
क्यों मंडराते नभ में बादल
कैसे होती है बरसातें।
करें ज्ञान विज्ञान की बातें।।
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चंदा क्यों बढ़ता घटता है
सूरज क्यों हर दिन तपता है
सप्त ऋषि तारे क्या कहते
क्यों ध्रुव तारा देख लुभाते।
करें ज्ञान विज्ञान की बातें।।
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खारा क्यों होता है सागर
भाटा ज्वार में क्या है अंतर
कैसे बिजली पैदा करते
नदियों पर क्यों बांध बनाते
करें ज्ञान-विज्ञान की बातें।।
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क्यों किसान खेतों को जोते
बीज अंकुरित कैसे होते
कैसे टीवी चित्र दिखाएं
और रेडियो गाने गाते।
करें ज्ञान विज्ञान की बातें।।
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चलो चलें हम जल्दी शाला
हल होगा सब वहीं मसाला
टीचर जी समझायेंगे सब
जैसे और प्रश्न समझाते।
करें ज्ञान विज्ञान की बातें।
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© सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’
जबलपुर/भोपाल, मध्यप्रदेश, अलीगढ उत्तरप्रदेश
मो. 9893266014
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈