श्री राकेश कुमार

 

(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ  की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” ज प्रस्तुत है आलेख की शृंखला – “देश -परदेश ” की अगली कड़ी।)

☆ आलेख # 95 ☆ देश-परदेश – खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है ☆ श्री राकेश कुमार ☆

देश की राजधानी दिल्ली में कुछ दिन पूर्व एक दुखद घटना में तीन युवा भूतल स्थित ग्रंथालय में अध्ययन करते हुए पानी भर जाने से अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए थे।

इस घटना के मुआवजे की अभी घोषणा भी नहीं हुई थी, उससे पूर्व राजस्थान प्रांत की राजधानी जयपुर याने कि गुलाबी शहर में भी भीषण वर्षा हो जाने से तीन गरीब जो कि भूतल के अंदर स्थित भूतल में पानी भर जाने से मृत्यु को प्राप्त हुए। चूंकि वो गरीब मजदूर तबके से थे, इसलिए राष्ट्रीय चैनल्स पर चर्चा के पात्र नहीं थे।

कोचिंग संस्था ने तो तीनों छात्रों को पचास पचास लाख के मुआवजे में से पच्चीस लाख की राशि दे देने की घोषणा कर दी है। शेष राशि का भुगतान उनके मालिक की जेल वापसी के बाद होगा। पैसे वाले भी गज़ब की चालें चलते हैं।

कल पानी भरी सड़क से धीमी गति से कार चलाते हुए हमने कुछ छीटें एक व्यक्ति पर क्या उछाले, हमें तो भीड़ ने घेर कर पुलिस की धमकी तक दे दी थी। पीड़ित व्यक्ति ने बीच बचाव करते हुए कहा कि वो स्वयं जल्दी में थे। अच्छा हुआ वो हमारे बैंक के ग्राहक था और हमें पहचान भी गया, जान बची तो लाखों पाए।

आज प्रातः किसी की कार से कुछ छीटें हमारे घर की बाहरी दीवार पर लग गए, हमने भी उस कार के मालिक को लपक कर हर्जाने की लंबी सी मांग रख दी। दीवार पर एशियन पेंट करवाकर देने का दबाव तक बना दिया। उसने भी मुस्कराते हुए कहा ठीक है, पेंट करवा लो हम पैसे दे देंगे, लेकिन पेंट के खाली डिब्बे उनको चाहिए होंगे।

इसके बाद हंसते हुए बोले, अब वो दिल्ली वाले कार मालिक को कोर्ट ने जेल से रिहाई के आदेश दे दिए हैं, जिसको बेसमेंट में पानी भरने के लिए दोषी मानकर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

© श्री राकेश कुमार

संपर्क – B 508 शिवज्ञान एनक्लेव, निर्माण नगर AB ब्लॉक, जयपुर-302 019 (राजस्थान)

मोबाईल 9920832096

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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