श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 304 ☆
बाल कथा – “पिंटू का स्कूल” श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ☆
पिंटू 5 वर्ष का नटखट बच्चा है। उसका एक छोटा भाई है चिंटू । पापा से जिद करके पिंटू ने एक पपी पाला था। उसने प्यार से पपी का नाम ब्राउनी रखा था। चिंटू पिंटू और ब्राउनी खूब खेला करते थे। पिंटू को अपनी टीचर की तरह पढ़ाना बहुत अच्छा लगता था। वह चिंटू और ब्राउनी को बैठाकर अपनी क्लास लगाता था। धीरे धीरे उसने ब्राउनी को अखबार उठाकर लाना और उसे पकड़ना सिखा दिया था।
एक दिन ब्राउनी अखबार पकड़कर पढ़ने का नाटक कर रहा था, और पिंटू चिंटू यह देखकर मस्ती से हँस रहे थे । तभी वहां से पड़ोस में रहने वाले अंकल निकले । ब्राउनी की अखबार पढ़ने की मजेदार हरकत को उन्होंने अपने मोबाईल से कैद कर लिया ।
© श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
म प्र साहित्य अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ व्यंग्यकार
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