श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 319 ☆

?  कविता – बड़ी कालोनी का ग्राफिक्स…  ? श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ☆

शहर की बड़ी कालोनी में

ए टाईप बंगलो की श्रृंखला के सामने ही

एफ टाइप मकान भी हैं

अधिकांश ए टाईप बंगलों में

दो बुजुर्ग , एक कुत्ता और

बंगले के अहाते के कोने में बने आऊट हाउस में

एक नौकर रहता मिलता है

एक बड़ी सी चमचमाती गाड़ी खड़ी होती है,

पोर्च में

जिसे ड्राइवर रोज

साफ करता है

इन बंगलों में

वीडियो काल पर रोज आते हैं विदेशों में बसे बच्चे

दिसंबर में जब विदेशों में होती हैं

क्रिसमस की छुट्टियां

तब ये बच्चे यहां आते हैं

और तब दीवाली होती है इन बंगलों में

 

दूसरी ओर

एफ टाइप घरों में जिनमें

एक ही बेड रुम है

जाने कैसे समा जाते हैं

पति पत्नी , बेटे बहू और नाती पोते

सामने टीन की चादरें तानकर, बना ली गई हैं परछी ज्यादातर घरों में

आवासीय परिसर बढ़ाने के लिए

साईकिल, बाइक, और स्कूटियां खड़ी हो जाती हैं रोज शाम उनमें

ए टाईप और एफ टाइप की इन्हीं रो के समानांतर बी, सी , डी और ई टाइप के घरों की भीड़ भी है

जिनमें भी जिंदगियां गुजर रही हैं

इन्हीं आवासों के साथ

चंद सुपर डीलक्स भव्य भवन भी हैं, कोने में

जिनमें ड्रेस पहने दरबान बैठते हैं गेट पर

इन भव्य भवनों में

रहते हैं

सफेद हैट वाले शोफर की गाड़ी में सवार

टैक्स पेयर्स के धन का

बजट बनाने वाले

एफ टाइप और उससे छोटे तबके में

उसे लुटाने वाले

व्हाइट कॉलर्ड, या खादीधारी

नीति नियंता

© श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ 

म प्र साहित्य अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ व्यंग्यकार

संपर्क – ए 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी भोपाल 462023

मोब 7000375798, ईमेल apniabhivyakti@gmail.com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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