सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(संस्कारधानी जबलपुर की सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ ‘जी सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डिविजनल विजिलेंस कमेटी जबलपुर की पूर्व चेअर पर्सन हैं। आपकी प्रकाशित पुस्तकों में पंचतंत्र में नारी, पंख पसारे पंछी, निहिरा (गीत संग्रह) एहसास के मोती, ख़याल -ए-मीना (ग़ज़ल संग्रह), मीना के सवैया (सवैया संग्रह) नैनिका (कुण्डलिया संग्रह) हैं। आप कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित हैं। आप प्रत्येक शुक्रवार सुश्री मीना भट्ट सिद्धार्थ जी की अप्रतिम रचनाओं को उनके साप्ताहिक स्तम्भ – रचना संसार के अंतर्गत आत्मसात कर सकेंगे। आज इस कड़ी में प्रस्तुत है आपकी एक अप्रतिम गीतबलिदानों की पुण्य भूमि

? रचना संसार # 39 – गीत – बलिदानों की पुण्य भूमि…  ☆ सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’ ? ?

 बलिदानों की पुण्य भूमि को,

नमन समर्पित भाव करो।

वीर शिवाजी के वंशज हम

दुश्मन का घेराव करो ।।

 **

वीरों की गाथा तुम गाओ,

कुर्बानी को मान मिले।

धरती ये राणा प्रताप की

वीरों की पहचान मिले।।

रहो यहाँ मिलजुल- कर सबसे

नित अच्छा बर्ताव करो।

 *

 बलिदानों की पुण्य भूमि को

 नमन समर्पित भाव करो।।

 **

 वीर सिपाही हो भारत के,

 दुश्मन पे हो वार सदा।

 करते गद्दारी जो हम से

 उनका भी संहार सदा।।

 हमें जान से प्यारी धरती,

 छाती पर मत घाव करो।

 *

  बलिदानों की पुण्य भूमि को

  नमन समर्पित भाव करो।।

 **

 मानवता का पाठ पढ़ाओ,

 सदा शांति उद्घोष रहे।

 कर्मों की गीता समझा दो,

 सच का ही जयघोष रहे।।

जन्म भूमि पर जान लुटादो,

 जीवन में बदलाव करो ।

 *

 बलिदानों की पुण्य भूमि को,

 नमन समर्पित भाव करो।।

© सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(सेवा निवृत्त जिला न्यायाधीश)

संपर्क –1308 कृष्णा हाइट्स, ग्वारीघाट रोड़, जबलपुर (म:प्र:) पिन – 482008 मो नं – 9424669722, वाट्सएप – 7974160268

ई मेल नं- [email protected], [email protected]

संपादक – हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकश पाण्डेय ≈

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