श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’  

श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’ जी  एक आदर्श शिक्षिका के साथ ही साहित्य की विभिन्न विधाओं जैसे गीत, नवगीत, कहानी, कविता, बालगीत, बाल कहानियाँ, हायकू,  हास्य-व्यंग्य, बुन्देली गीत कविता, लोक गीत आदि की सशक्त हस्ताक्षर हैं। विभिन्न पुरस्कारों / सम्मानों से पुरस्कृत एवं अलंकृत हैं तथा आपकी रचनाएँ आकाशवाणी जबलपुर से प्रसारित होती रहती हैं। आज प्रस्तुत है आपकी एक अतिसुन्दर सजल  क्यों  तुम्हें आजमाऊँ। श्रीमती कृष्णा जी की लेखनी को  इस अतिसुन्दर रचना के लिए  नमन ।

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – कृष्णा साहित्य # 38 ☆

☆ सजल – क्यों  तुम्हें आजमाऊँ ☆

 

शान से उस पर जाऊँ

माँग सेंन्दुर से सजाऊँ

 

 

जी लिया भरपूर  जीवन

इस जहां से  जब जाऊँ

 

कांधे  तेरे हो सवार

मैं  खुशी से इतराऊँ

 

सातों जन्मों का बंधन

इस जन्म  पूरा कर जाऊँ

 

है सारी खुशीआज तक

कल को फिर क्यों  सजाऊँ

 

हे राघव  ! विनती मेरी

क्यों  तुम्हें आजमाऊँ

 

© श्रीमती कृष्णा राजपूत  ‘भूमि ‘

अग्रवाल कालोनी, गढ़ा रोड, जबलपुर -482002 मध्यप्रदेश

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Shyam Khaparde

अच्छी रचना