प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
( शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर प्रस्तुत है गुरुवर प्रोफ. श्री चित्र भूषण श्रीवास्तव जी का आशीर्वचन विद्या की महत्ता। हमारे प्रबुद्ध पाठक गण प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ जी काव्य रचनाओं को प्रत्येक शनिवार आत्मसात कर सकेंगे। )
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ काव्य धारा # 6 ☆
☆ शिक्षक दिवस विशेष – विद्या की महत्ता ☆
विद्या बिन मांगे दिया करती है वरदान
पढे लिखो का हर जगह होता है सम्मान
बुद्धि को देती धार नई समझ को चमक निखार
विद्या पा ही व्यक्ति बन पाता है गुणवान
मिट जाता अज्ञान सब हट जाता अंधियार
शिक्षा पा ही व्यक्ति हर कहलाता विद्वान
सोच समझ के क्षेत्र में आता बडा सुधार
सही गलत की परख की मिल जाती पहचान
खुद पर बढता भरोसा सध सकते सब काम
शिक्षित जन की जिंदगी हो जाती आसान
शुभ शिक्षा जहॉ मिले उसका लीजै लाभ
विद्या अमृत बिंदु है नित करती कल्याण
© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’
ए १ ,विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर , जबलपुर
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈
अच्छी रचना