श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’  

श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’ जी  एक आदर्श शिक्षिका के साथ ही साहित्य की विभिन्न विधाओं जैसे गीत, नवगीत, कहानी, कविता, बालगीत, बाल कहानियाँ, हायकू,  हास्य-व्यंग्य, बुन्देली गीत कविता, लोक गीत आदि की सशक्त हस्ताक्षर हैं। विभिन्न पुरस्कारों / सम्मानों से पुरस्कृत एवं अलंकृत हैं तथा आपकी रचनाएँ आकाशवाणी जबलपुर से प्रसारित होती रहती हैं। आज प्रस्तुत है आपकी एक अतिसुन्दर रचना  एक छोटा सा गाँव। श्रीमती कृष्णा जी की लेखनी को  इस अतिसुन्दर रचना के लिए  नमन । 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – कृष्णा साहित्य # 41 ☆

☆ एक छोटा सा गाँव ☆

 

एक छोटा सा गाँव

दूर शिक्षा की ठाँव

पढने जाते बहन भाई

बाबा की छांव

 

छोटी छोटी सी खुशियां खरीदे

पास बैठा सिखाये सलीके

हर कदम प्यार का .डांटे भी प्यार से

कहते पढ़ लो खड़े हो अपने ही पाँव

एक छोटा सा ……

 

बीता बचपन जवां हो गये हम

वक्त बढ़ता गया बढ़ गये हम

मन उमंगों भरा. दिल मे अरमां जगा

आये खुशियां ही खुशियाँ न गम का नाम.

एक छोटा…….।

 

याद आये वो गुजरा जमाना

संग परिवार के दिन बिताना

मां-पिता की मूरत. बसी नैनो मूरत

करते क्या हम रूकी जरा सी भी नाव

एक छोटा सा गाँव …….

 

कल्पना ही बस रह गयी अब

मन न अपना न पग ही रहे अब

काल चक्र चला समय हवा सा उड़ा

दूर ही से देखे जीवन के दाँव

एक छोटा सा गाँव…..

 

© श्रीमती कृष्णा राजपूत  ‘भूमि ‘

अग्रवाल कालोनी, गढ़ा रोड, जबलपुर -482002 मध्यप्रदेश

 ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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