श्री अरुण कुमार दुबे

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “फूल की उम्र चंद लम्हों हैं“)

☆ साहित्यिक स्तम्भ ☆ कविता # 70 ☆

✍ फूल की उम्र चंद लम्हों हैं… ☆ श्री अरुण कुमार दुबे 

ये करामात है बहारों की

बाढ़ आई है जो नज़ारों की

पीठ पर ज़ख्म देखने वालों

ये इनायत है मेरे यारों की

 *

चाँद का हाथ बाँटने के लिए

कहकशाँ आ गई सितारों की

 *

फूल की उम्र चंद लम्हों हैं

उम्र लम्बी बड़ी है खारों की

 *

आदमी ढो रहे हैं ग़म के पहाड़

चाह मत करिए ग़म गुसारों की

 *

पहले कुदरत जता दे खतरे को

समझें हम बात कब  इशारों की

 *

आपके गर कलाम में है दम

क्या जरूरत है इश्तहारों की

 *

धन कुबेरों के साथ है संसद

फ़िक़्र किसको है खाक़सारों की

 *

आग दमकल नहीं बुझा सकती

भड़की नफ़रत के जो शरारों की

 *

ये भी विज्ञान की है भेंट अरुण

छीन रोज़ी ली दस्तकारों की

© श्री अरुण कुमार दुबे

सम्पर्क : 5, सिविल लाइन्स सागर मध्य प्रदेश

सिरThanks मोबाइल : 9425172009 Email : arunkdubeynidhi@gmail. com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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