श्री हरिप्रकाश राठी
( प्रतिष्ठित कहानीकार श्री हरिप्रकाश राठी जी का ई- अभिव्यक्ति में हार्दिक स्वागत है।)
☆ नववर्ष नव विहान पर चिंतन ☆
समय का रथ एक और नए मुकाम पर जाने की तैयारी में है। मनुष्यता के मार्ग में अब तक न जाने कितने अवरोध, कितनी मुश्किलें आई पर मनुष्य के जीवट एवं अदम्य इच्छाशक्ति के आगे सारे अवरोध दम तौड़ गए। वर्ष 2020 भी एक ऐसा ही चुनौती भरा वर्ष था जब समूची मनुष्यता कोरोना के ख़ौफ़ से दहल गई। ऐसा समय तो पहले कभी नहीं आया। न भूतो न भविष्यतो । दैहिक, दैविक, भौंतिक कोप तो कई देखे पर किसी को छूना मात्र मौत बन जाएगा यह पहली बार ही देखा।
मनुष्य के हौंसले के आगे कोई समस्या क़ब तक टिकी है। विश्वभर के वैज्ञानिकों ने अथक श्रम कर कोरोनो का टीका तैयार किया एवं अब मनुष्य ने इस प्राणान्तक बीमारी को भी ठेंगा दिखाने के लिए कमर कस ली है। मनुष्य के मार्ग में भला कौनसा विघ्न ठहर सकता है। मनुष्य के प्रयासों के आगे पर्वत हिलते हैं, पत्थर पिघलते हैं।
हे वर्ष 2020 ! तुमने हमें परेशान तो बहुत किया पर अब हमनें तुम्हें नेस्तनाबूद करने की तैयारी कर ली है। तूँ कितने ही रूप बदल लें हम तुम्हें मिटा के रहेंगे। न हम सर झुका कर जिएंगे न मुंह छुपा कर घरों में बैठेंगे क्योंकि जीवन नाम है गिर-गिर कर पुनः उठने का, जीवन नाम है अनवरत संघर्ष का एवं इसी भाव के साथ हम निश्चय ही हर समस्या का मुकाबला कर लेंगे।कल समय ने हमें झुकाया, निराश किया आज हम समय को मुट्ठी में कैद करने की आशा से भरे हैं।
© हरिप्रकाश राठी
कहानीकार
≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈