श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’
( श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि’ जी एक आदर्श शिक्षिका के साथ ही साहित्य की विभिन्न विधाओं जैसे गीत, नवगीत, कहानी, कविता, बालगीत, बाल कहानियाँ, हायकू, हास्य-व्यंग्य, बुन्देली गीत कविता, लोक गीत आदि की सशक्त हस्ताक्षर हैं। विभिन्न पुरस्कारों / सम्मानों से पुरस्कृत एवं अलंकृत हैं तथा आपकी रचनाएँ आकाशवाणी जबलपुर से प्रसारित होती रहती हैं। आज प्रस्तुत है इस कड़ी में आपकी एक लघुकथा “सामाजिकता ”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ – कृष्णा साहित्य # 1 ☆
☆ लघुकथा – सामाजिकता ☆
“माँ… मा्ँ ….सुनो ना तुम मुझसे इतना नाराज मत हो। उस आदमी ने मेरे साथ गलत काम किया। मै क्या करुँ? माँ बताओ न.” माँ…..दुखी.
माँ अपने सिर पर बार हाथ मारकर रो रही थी उसके आँखो में आँसुओं की झड़ी सी लगी थी। बेबस लाचार गरीबी से त्रस्त अपने और बेटी के भाग्य को कोस रही थी।
एक संभ़ात सी महिला उस छोटे से गांव, जो शहर का मिल जुला रुप था, वहां आकर बेटियों को उनके रहन सहन और नयी-नयी जानकारी देती थी। वह बेटियों को उन बातों की जानकारी भी देती थी जो माँ भी नहीं बता पाती।
“माँ….मीरा अंटी आई हैं चलो ना वे बुला रही हैं वे बहुत अच्छी हैं।” बेटी माँ को समझाने लगी। माँ ने बात छुपाने के लिए बेटी को समझाया – “उनसे कुछ भी मत कहना वरना हमारी बहुत बदनामी होगी।“
बेटी ने चुप रहने के संकेत में सिर हिला दिया। वहां की सभी माँ और बेटियाँ एकत्रित हुई सभी को समझाइस देकर सेविका जाने लगी तभी उसने इन दोनो माँ बेटी को उदास और हताश देख समाज सेविका मीरा जी ने समझने मै देर न की और एकांत में उन्हें ले जा कर पूछ ही लिया।
सच्चाई जानकर उन्हें एक मंत्र दे गई। वह माँ से बोली …”देखो किसी ने अपनी भूख मिटाई और उसमें बच्ची का क्या दोष। वह तो दरिंदा था पर बेटी तो यह नहीं जानती थी न कि उसके साथ यह किया जा रहा है। वह सहज सरल थी, ठीक उस पूजा की थाल में रखे फूल की तरह जो भगवान के चरणो में अर्पित किया जाना था और कोइ बीच में ही उठाकर पैरों तले कुचल गया तो इसमें फूल का क्या कसूर वह तो पवित्र ही हुआ न?”
माँ की समझ में उनकी बातें आ गई और उसने अपने सीने से बेटी को लगा कर कहा “…तेरा कोई कसूर नहीं बेटी, मै तुझे क्यों गलत कहुँ। गलत तो वह है जिसने यह किया उसे ईश्वर से सजा अवश्य मिलेगी।” और पुरानी दकियनूसी बातें और समाज के डर को दिमाग से झटक कर घर की ओर चल दी..
© श्रीमती कृष्णा राजपूत ‘भूमि ‘
अग्रवाल कालोनी, गढ़ा रोड, जबलपुर -482002 मध्यप्रदेश