श्री यशोवर्धन पाठक

(ई-अभिव्यक्ति में प्रत्येक सोमवार प्रस्तुत है नया साप्ताहिक स्तम्भ कहाँ गए वे लोग के अंतर्गत इतिहास में गुम हो गई विशिष्ट विभूतियों के बारे में अविस्मरणीय एवं ऐतिहासिक जानकारियाँ । इस कड़ी में आज प्रस्तुत है एक बहुआयामी व्यक्तित्व माडल हाई स्कूल के पूज्य शिक्षक स्मृति शेष रमेश कुमार पांडेय जीके संदर्भ में अविस्मरणीय ऐतिहासिक जानकारियाँ।)

स्व. रमेश कुमार पांडेय

☆ कहाँ गए वे लोग # ५४ ☆

☆ माडल हाई स्कूल के पूज्य शिक्षक स्मृति शेष रमेश कुमार पांडेय जी” ☆ श्री यशोवर्धन पाठक (माडेलियन 74)

माडल हाई स्कूल के भूतपूर्व छात्रों को पिछले दिनों एक वर्ष में ही तीसरी बार दुखदायी ख़बरों का सामना करना पड़ा। इसी वर्ष स्कूल के भूतपूर्व शिक्षक श्रद्धेय श्री ईश्वरी प्रसाद तिवारी जी, श्रद्धेय श्री एल. के. श्रीवास्तव जी के स्वर्गवास की दुखद घटना से अभी उनके छात्र संभल ही नहीं पाये थे कि पिछले दिनों स्कूल के एक और प्रिय एवं पूज्य शिक्षक श्री आर. के. पांडेय सर भी हमें हमेशा के लिए छोड़कर अंनत में विलीन हो गये।

 स्व. रमेश कुमार पांडेय सर जिन्हें हम सभी स्कूल में श्री आर. के पांडेय सर के रुप में ही जानते थे, अपने अनुशासन और प्रभावी शिक्षण के लिए छात्रों के बीच लोकप्रिय थे। छात्रों के बीच पांडेय जी पारिवारिक आत्मीयता के साथ बात करते थे। उनका पितृ तुल्य अपनापन छात्रों के लिए चर्चा का विषय रहता। उनका कहना था कि ये अपनापन शिक्षक और शिष्य की अनावश्यक दूरी को कम करता है और छात्रों को अपनी सभी कठिनाइयों को कहने में सुविधा होती है। आदरणीय पांडेय जी के सुपुत्र श्री राकेश पाण्डेय भी माडेलियन 74 के हमारे प्रिय साथी रहे हैं और उनसे मेरी काफी निकटता भी थे। इसी निकटता के कारण पांडेय जी भी मुझे पुत्र तुल स्नेह देते थे। स्कूली पढ़ाई के दौरान ही दुर्भाग्य वश भाई श्री राकेश पाण्डेय का आकस्मिक निधन हो गया। यह हम सभी के लिए अत्यंत दुखद घटना थी जिसने सभी को झकझोर के रख दिया। आदरणीय पांडेय जी के प्रति गहरी संवेदना और पारिवारिक आत्मीयता के चलते बाद में उनकी बेटियों से भी मेरे राखी के संबंध बने।

 यह वह समय था जब मैंने पांडेय जी में गुरु और संरक्षक दोनों के ही समन्वय स्वरुप को बड़े गहरे तक महसूस किया।

जबलपुर के माडल हाई स्कूल के शिक्षक दिवस का गरिमामय आयोजन अपने समय में राज्य स्तर पर एक अनूठा कार्यक्रम होता था। इस कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के तत्कालीन प्राचार्य एवं सुप्रसिद्ध शिक्षाविद श्री एस. पी. निगम साहब के सूझबूझ से ही की गई थी। इस आयोजन में भूतपूर्व छात्रों के द्वारा भूतपूर्व शिक्षकों का सम्मान जैसा कार्यक्रम शिक्षा जगत में सभी को अत्यंत प्रेरित और प्रभावित करता था। इस कार्यक्रम की चर्चा मैं पांडेय जी के इस लेख के साथ इसलिए कर रहा हूं क्योंकि सेवा निवृत्ति के बाद प्रतिवर्ष इस आयोजन में शामिल होने वाले पूज्य गुरुजनों में श्री आर. के. पांडेय सर भी शामिल थे। एक बार उन्होंने कहा था कि ऐसे तो अपने प्रिय शिष्यों से मिलना हो नहीं पाता लेकिन शिक्षक दिवस के इस आयोजन में अपने स्कूली छात्रों से भी मिलना हो जाता है और अपने शिक्षक साथियों से भी। इसी पावन उद्देश्य से पांडेय जी शिक्षक दिवस पर प्रतिवर्ष आया करता।

पांडेय सर से वैसे तो मेरी मुलाकात चाहे जब होती रहती थी लेकिन उनसे अंतिम भेंट मेरी 5 सितंबर 2024 को मंच दीप और गढ़ा रामलीला समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शिक्षक दिवस के आयोजन में हुई थी। इस कार्यक्रम में जिन सेवानिवृत्त श्रेष्ठ और श्रद्धेय शिक्षकों को सम्मानित किया गया उनमें माडल हाई स्कूल जबलपुर के सेवा निवृत्त शिक्षक श्री आर. के. पांडेय सर भी शामिल थे। कार्यक्रम में उस दिन देश के सुप्रसिद्ध कवि आचार्य श्री भगवत दुबे जी, श्री अशोक मनोध्या जी, मंच दीप से श्री मथुरा जैन उत्साही जी, श्री मनीष तिवारी, पाथेय से संयोजक श्री राजेश पाठक प्रवीण, वर्तिका से श्री विजय नेमा ‘अनुज’, आचार्य  विजय तिवारी ‘किसलय’, सृजन पथ से श्री दीपक तिवारी इत्यादि शामिल थे और इन सभी सम्मानित जनों की गरिमामयी उपस्थिति में अपने प्रिय व पूज्य गुरुदेव को अभिनंदित होते हुए देखकर मैं भी गौरवान्वित हो रहा था।

अपने शिक्षकीय जीवन में गुरुवर श्री आर. के. पांडेय सर ने वास्तव में एक राष्ट्र निर्माता की प्रभावी भूमिका का निर्वाह किया था। सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्रद्धेय डा. राजकुमार सुमित्र जी ने एक बार कहा था कि- “व्यक्ति बीत जाता है और समय भी लेकिन कुछ स्मृतियां ऐसी होती हैं जिससे स्मृति कोष सार्थक हो जाया करता है।”

पांडेय सर भी ऐसे ही महान शिक्षक थे जिनकी प्रेरक शिक्षा और कल्याणकारी गतिविधियों के कारण वे सदा हमारे आस पास अपने होने का अहसास दिलाते रहेंगे।

© श्री यशोवर्धन पाठक

पूर्व प्राचार्य, राज्य सहकारी प्रशिक्षण संस्थान, जबलपुर

संकलन – श्री प्रतुल श्रीवास्तव

संपर्क – 473, टीचर्स कालोनी, दीक्षितपुरा, जबलपुर – पिन – 482002 मो. 9425153629

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आप गत अंकों में प्रकाशित विभूतियों की जानकारियों के बारे में निम्न लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं –

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # १ ☆ कहाँ गए वे लोग – “पंडित भवानी प्रसाद तिवारी” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २ ☆ डॉ. राजकुमार तिवारी ‘सुमित्र’ ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३ ☆ यादों में सुमित्र जी ☆ श्री यशोवर्धन पाठक ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४ ☆ गुरुभक्त: कालीबाई ☆ सुश्री बसन्ती पवांर ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ५ ☆ व्यंग्यकार श्रीबाल पाण्डेय ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ६ ☆ “जन संत : विद्यासागर” ☆ श्री अभिमन्यु जैन ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ७ ☆ “स्व गणेश प्रसाद नायक” – लेखक – श्री मनोहर नायक ☆ प्रस्तुति  – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ८ ☆ “बुंदेली की पाठशाला- डॉ. पूरनचंद श्रीवास्तव” ☆ डॉ.वंदना पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ९ ☆ “आदर्श पत्रकार व चिंतक थे अजित वर्मा” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ११ – “स्व. रामानुज लाल श्रीवास्तव उर्फ़ ऊँट बिलहरीवी” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # १२ ☆ डॉ. रामदयाल कोष्टा “श्रीकांत” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆   

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # १३ ☆ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लोकप्रिय नेता – नाट्य शिल्पी सेठ गोविन्द दास ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # १४ ☆ “गुंजन” के संस्थापक ओंकार श्रीवास्तव “संत” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # १५ ☆ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कविवर – पंडित गोविंद प्रसाद तिवारी ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # १६ – “औघड़ स्वाभाव वाले प्यारे भगवती प्रसाद पाठक” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆ 

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # १७ – “डॉ. श्री राम ठाकुर दादा- समाज सुधारक” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # १८ – “राजकुमार सुमित्र : मित्रता का सगुण स्वरुप” – लेखक : श्री राजेंद्र चन्द्रकान्त राय ☆ साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # १९ – “गेंड़ी नृत्य से दुनिया भर में पहचान – बनाने वाले पद्मश्री शेख गुलाब” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २० – “सच्चे मानव थे हरिशंकर परसाई जी” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २१ – “ज्ञान और साधना की आभा से चमकता चेहरा – स्व. डॉ कृष्णकांत चतुर्वेदी” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २२ – “साहित्य, कला, संस्कृति के विनम्र पुजारी  स्व. राजेन्द्र “रतन”” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २३ – “मेरी यादों में, मेरी मुंह बोली नानी – सुभद्रा कुमारी चौहान” – डॉ. गीता पुष्प शॉ ☆ प्रस्तुती – श्री जय प्रकाश पांडे ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २४ – “संस्कारधानी के सिद्धहस्त साहित्यकार -पं. हरिकृष्ण त्रिपाठी” – लेखक : श्री अजय कुमार मिश्रा ☆ संकलन – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २५ – “कलम के सिपाही – मुंशी प्रेमचंद” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २६ – “यादों में रहते हैं सुपरिचित कवि स्व चंद्रकांत देवताले” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २७– “स्व. फ़िराक़ गोरखपुरी” ☆ श्री अनूप कुमार शुक्ल ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २८ – “पद्मश्री शरद जोशी” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # २९ – “सहकारिता के पक्षधर विद्वान, चिंतक – डॉ. नंद किशोर पाण्डेय” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३० – “रंगकर्मी स्व. वसंत काशीकर” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३१ – “हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, फारसी के विद्वान — कवि- शायर पन्नालाल श्रीवास्तव “नूर”” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३२ – “साइकिल पर चलने वाले महापौर – शिक्षाविद्, कवि पं. रामेश्वर प्रसाद गुरु” ☆ डॉ. वंदना पाण्डेय” ☆ डॉ.वंदना पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३३ – “भारतीय स्वातंत्र्य समर में क्रांति की देवी : वीरांगना दुर्गा भाभी” ☆ डॉ. आनंद सिंह राणा ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३४ –  “जिनके बिना कोर्ट रूम भी सूना है : महाधिवक्ता स्व. श्री राजेंद्र तिवारी” ☆ डॉ. वंदना पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३५ – “सच्चे मानव – महेश भाई” – डॉ महेश दत्त मिश्रा” ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३६ – “महिलाओं और बच्चों के लिए समर्पित रहीं – विदुषी समाज सेविका श्रीमती चंद्रप्रभा पटेरिया” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३७ – “प्यारी स्नेहमयी झाँसी वाली मामी – स्व. कुमुद रामकृष्ण देसाई” ☆ श्री सुधीरओखदे   ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३८ – “जिम्मेदार शिक्षक – स्व. कवि पं. दीनानाथ शुक्ल” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ३९ – “सहृदय भावुक कवि स्व. अंशलाल पंद्रे” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४० – “मानवीय मूल्यों को समर्पित- पूर्व महाधिवक्ता स्व.यशवंत शंकर धर्माधिकारी” ☆ डॉ.वंदना पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४१ – “प्रखर पत्रकार, प्रसिद्ध कवि स्व. हीरालाल गुप्ता” ☆ श्री यशोवर्धन पाठक ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४२ – “जिनकी रगों में देशभक्ति का लहू दौड़ता था – स्व. सवाईमल जैन” ☆ डॉ. वंदना पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४३ – “संवेदनशील कवि – स्व. राजेंद्र तिवारी “ऋषि”” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४४ – “कर्णदेव की दान परम्परा वाले, कटनी के पान विक्रेता स्व. खुइया मामा” ☆ श्री राजेंद्र सिंह ठाकुर ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४५ –  “सिद्धांतवादी पत्रकार – स्व. महेश महदेल” ☆ डॉ. वंदना पाण्डेय ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४६ – “मधुर गीतकार-  स्व. कृष्णकुमार श्रीवास्तव ‘श्याम’” ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४७ – “साहित्य के प्रति समर्पित : आदरणीय राजकुमार सुमित्र जी” ☆ श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४८ – “गीतों के राजकुमार मणि “मुकुल”- स्व. मणिराम सिंह ठाकुर “मणि मुकुल”  ☆ श्री प्रतुल श्रीवास्तव ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ४९ – “शिक्षाविद और सहकारिता मनीषी – स्व. डा. सोहनलाल गुप्ता” ☆ श्री यशोवर्धन पाठक ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ५० – “मंडला, जबलपुर के गौरव रत्न – श्रद्धेय स्व. श्री रामकृष्ण पांडेय” ☆ श्री यशोवर्धन पाठक ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ५१ – “चर्चित कथाकार एवं मेरे श्रद्धेय अग्रज –  स्व. श्री हर्षवर्धन जी पाठक” ☆ श्री यशोवर्धन पाठक ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ५२ – “सुप्रसिद्ध साहित्यकार और शिक्षाविद – स्व. श्री इन्द्र बहादुर खरे और उनका सृजन” ☆ श्री यशोवर्धन पाठक ☆

हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ कहाँ गए वे लोग # ५३ – “प्रखर पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी – स्व. पं. कुंजबिहारी जी पाठक” ☆ श्री यशोवर्धन पाठक ☆

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≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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