श्री अरुण कुमार दुबे

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “तोड़कर फूल को नहीं फेंको“)

☆ साहित्यिक स्तम्भ ☆ कविता # १२५ ☆

✍ सजल – तोड़कर फूल को नहीं फेंको… ☆ श्री अरुण कुमार दुबे 

((तुकांत – आने, पदांत – में, गालगागा लगालगा  गागा, मात्रा भार – 17)

क्या मिला आँख है दिखाने में

माल लगता न मुस्कराने में

 *

भूल जाओ बड़ा सरल कहना

साल लगते कई भुलाने में

 *

दाम मँहगे किसान तब मांगे

खून बहता फसल उगाने में

 *

तोड़कर फूल को नहीं फेंको

वृक्ष कितना सहा खिलाने में

 *

राह सच की कठिन मगर चलिए

साथ मत ढूढिये जमाने में

 *

आचरण नेक खींचता सबको

सज सँवर क्यों लगा रिझाने में

 *

प्यार फैला अरुण घृणा मेटो

कुछ लगे लोग बरगलाने में

© श्री अरुण कुमार दुबे

सम्पर्क : 5, सिविल लाइन्स सागर मध्य प्रदेश

सिरThanks मोबाइल : 9425172009 Email : arunkdubeynidhi@gmail. com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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