श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’
(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ”  में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल  (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है आपकी विदेश यात्रा के संस्मरणों पर आधारित एक विचारणीय आलेख – ”न्यू जर्सी से डायरी…”।)

? यात्रा संस्मरण ☆ न्यू जर्सी से डायरी… 10 ☆ श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ?

रुकी हुई कार सड़क पार करता आदमी

आप को सड़क पार करता देख, बाअदब कोई मर्सडीज भी रुक जाए और स्टीयरिंग व्हील पर बैठा व्यक्ति मुस्करा कर आपको सड़क क्रास करने का इशारा करे, तो भारत में भले ही अजीब सा लगे, पर अमेरिका में स्टेट ला के अनुसार सड़क पर पहला अधिकार पैदल चलने वाले का होता है। जेब्रा क्रॉसिंग पर यदि कोई सिग्नल नहीं है तो बेधड़क बढ़ जाइए, निश्चिंत रहिए, कार रुक ही जायेगी ।

हिंदुस्तान में फर्राटे भरते, गड्ढों में भरा कीचड़ उछालते गाड़ियों पर सवार अमीरजादों के मनोभाव तो ऐसे होते हैं मानो उन्होंने सड़क ही खरीद ली हो। किंतु यहां की सीमित आबादी, सुशिक्षित जन साधारण, नियमो के प्रति आम आदमी का संवेदन शील रवैया, पोलिस की चाक चौबंद व्यवस्था वे कारण हैं जिनके चलते बिना भीड़ की सड़क पर भी रुकी हुई कार और सड़क पार करते आदमी का दृश्य यहां सहजता से देखने मिल जाता है।

विवेक रंजन श्रीवास्तव, न्यूजर्सी

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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