श्री संजय भारद्वाज 

(श्री संजय भारद्वाज जी – एक गंभीर व्यक्तित्व । जितना गहन अध्ययन उतना ही  गंभीर लेखन।  शब्दशिल्प इतना अद्भुत कि उनका पठन ही शब्दों – वाक्यों का आत्मसात हो जाना है।साहित्य उतना ही गंभीर है जितना उनका चिंतन और उतना ही उनका स्वभाव। संभवतः ये सभी शब्द आपस में संयोग रखते हैं  और जीवन के अनुभव हमारे व्यक्तित्व पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं।  हम आपको प्रति रविवार उनके साप्ताहिक स्तम्भ – संजय उवाच शीर्षक  के अंतर्गत उनकी चुनिन्दा रचनाएँ आप तक  पहुँचा रहे हैं। सप्ताह के अन्य दिवसों पर आप उनके मनन चिंतन को  संजय दृष्टि के अंतर्गत पढ़ सकते हैं। ) 

☆ संजय दृष्टि  – कोरोनावायरस और हम ☆

मित्रो,

देश इस समय कोविड-19 के संक्रमण से जूझ रहा है। यह वायरस भारत में तीसरे चरण में प्रवेश करने जा रहा है। चीन, इटली और अन्य देशों में इसके विभिन्न चरणों की तुलनात्मक स्थिति देखें तो तीसरे चरण में इससे संक्रमित होनेवालों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है। यही चरण है जब हमें मिलकर इसका मुकाबला करना है।

इस संक्रमण से बचाव के लिए भारत सरकार अभूतपूर्व काम कर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस संबंध में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री जो स्वयं डॉक्टर हैं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और बड़ी संख्या में स्वच्छताकर्मी इस मिशन में जुटे हैं। 130 करोड़ जनसंख्या के देश में कोविड-19 के संक्रमण से जनता को बचाने के लिए जो कुछ संभव है, केंद्र सरकार और सारी राज्य सरकारें  कर रही हैं।

हम देश के नागरिक हैं। नागरिक देश की इकाई होता है। संक्रमण को रोकने के उपायों को लागू करने में हमारी भूमिका महत्वपूर्ण है। हम, भारत के नागरिक  कुछ बिंदुओं का पालन कर इस संक्रमण को रोकने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। एक नागरिक के नाते इन बिंदुओं को विनम्रता से आप सबके साथ साझा कर रहा हूँ।

  1. कोविड-19 को हल्के में न लें। इसकी गंभीरता को समझें। व्हाट्सएप पर आने वाले अवैज्ञानिक और भ्रामक उपचारों का प्रचार-प्रसार न करें।
  2. उपचार और रोकथाम के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिकृत वेबसाइट और वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर संबंधित पृष्ठ को विजिट करें। हम केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं।
  3. कोरोना का संक्रमण असाध्य नहीं है। हम भारतीयों की जीवनशैली विशेषकर खान-पान हमारे लिए बचाव का काम भी करता है, तथापि अपने डॉक्टर आप ना बनें।
  4. कोविड-19 के लक्षण दिखने पर संबंधित अस्पताल में जाएँ। पृथक या आइसोलेशन में रहना हमारे स्वयं के लिए, परिवार के लिए, समाज के लिए, देश के लिए लाभप्रद है, इससे घबराएँ नहीं।
  5. गंभीर बीमारियों और मधुमेह, रक्तचाप के मरीज़ अपनी दवाइयाँ नियमित रूप से लें। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम न होने दें।
  6. सैनिटाइजर या साबुन से कम से कम 20 सेकंड हाथ धोने का नियम अवश्य पालें।यथासंभव सार्वजनिक कार्यक्रम न आयोजित करें, न उनमें सहभागी हों।
  7. आवश्यक ना होने पर घर से बाहर न निकलें। यह वैश्विक आपदा है, पिकनिक मनाने का समय नहीं।
  8. कोविड-19 के ख़तरों को समझना और आगाह करना हम सबका कर्तव्य है। बेहद महत्वपूर्ण है कि हम इसके प्रति लापरवाह ना रहें।
  9. स्वच्छता रखें, सतर्कता बरतें, सरकार का साथ दें।
  10. कोविड-19 को हराया जा सकता है। तीसरा चरण निकट है। आवश्यकता है सामूहिक अनुशासन और गंभीर प्रयासों की।

सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चित् दु:ख भाग्भवेत्।।

संजय भारद्वाज
भारत का एक नागरिक

 

©  संजय भारद्वाज, पुणे

☆ अध्यक्ष– हिंदी आंदोलन परिवार  सदस्य– हिंदी अध्ययन मंडल, पुणे विश्वविद्यालय  संपादक– हम लोग  पूर्व सदस्य– महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ☆ ट्रस्टी- जाणीव, ए होम फॉर सीनियर सिटिजन्स 

मोबाइल– 9890122603

[email protected]

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