श्री राकेश कुमार
(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” आज प्रस्तुत है आलेख – “पहचान”।)
☆ आलेख ☆ पहचान ☆ श्री राकेश कुमार ☆
आज प्रातः काल में मोबाईल दर्शन से ज्ञात हुआ कि श्री के के का रात्रि निधन हो गया। मैसेज भेजने वाले को हमने अपनी अनिभिज्ञता जाहिर की और कहा हमारा संगीत में ध्यान नहीं हैं। कुछ समय के पश्चात सभी टी वी चैनल वाले उनके गीत सुना रहे थे। गीत प्रायः सभी सुने हुए थे, और जुबां पर भी थे। देश के सभी बड़े नेताओं ने संवेदनाएं व्यक्त की। चैनल वाले भी उन से संबंधित जानकारी देते रहे।
हमने मन ही मन विचार किया इनका नाम और चेहरा कभी नही सुना/देखा। अंतर्मन में अपनी आयोग्यता को लेकर नए आयाम तय करने में लगे रहे।
उनको पहचान न पाने के कारण खोज में लगे हुए थे। तभी विचार किया- क्या स्वर्गीय के के ने किसी भी विज्ञापन में कार्य किया था?
क्या किसी रियलिटी शो में प्रतियोगी या जज के रूप में टी वी पर आए थे?
क्या उनके साथ कभी कोई विवाद हुआ था?
यदि इन सब का उत्तर ना है, तो फिर हम उनको कैसे पहचानते?
वर्तमान समय में अकेले काम से आपकी पहचान नहीं बनती हैं। आपको सोशल मीडिया में कार्यशील रहना होता हैं। बिग बॉस या अन्य किसी टीवी शो में छोटे स्क्रीन पर नजर आना होगा। किसी विवाद में आपका नाम है, तो लोग आपको चेहरे से पहचानने लग जाएंगे।
ये सब केके के साथ नहीं था। वो सिर्फ आवाज़ के जादूगर थे। इसलिए वो एक अच्छे इंसान बनकर ही रह गए। पुरानी कहावत भी है “जो दिखता है, वो ही बिकता है।
ॐ शांति🙏🏻
© श्री राकेश कुमार
संपर्क – B 508 शिवज्ञान एनक्लेव, निर्माण नगर AB ब्लॉक, जयपुर-302 019 (राजस्थान)
मोबाईल 9920832096
≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈