सुश्री मीनाक्षी सरदेसाई

(वरिष्ठ मराठी साहित्यकार सुश्री मीनाक्षी सरदेसाई जी मराठी साहित्य की विभिन्न विधाओं की सशक्त हस्ताक्षर हैं। कई पुरस्कारों/अलंकारों से पुरस्कृत/अलंकृत सुश्री मीनाक्षी सरदेसाई जी का जीवन परिचय उनके ही शब्दों में – “नियतकालिके, मासिके यामध्ये कथा, ललित, कविता, बालसाहित्य  प्रकाशित. आकाशवाणीमध्ये कथाकथन, नभोनाट्ये , बालनाट्ये सादर. मराठी प्रकाशित साहित्य – कथा संग्रह — ५, ललित — ७, कादंबरी – २. बालसाहित्य – कथा संग्रह – १६,  नाटिका – २, कादंबरी – ३, कविता संग्रह – २, अनुवाद- हिंदी चार पुस्तकांचे मराठी अनुवाद. पुरस्कार/सन्मान – राज्यपुरस्कारासह एकूण अकरा पुरस्कार.)

आज प्रस्तुत है नाटक—शारदा. गीत—म्हातारा इतुका न– पर आधारित आपकी एक विडंबन कविता – आम्ही  बुढ्या—–  हम भविष्य में भी आपकी सुन्दर रचनाओं की अपेक्षा करते हैं।

☆ विडंबन  गीत—-आम्ही  बुढ्या—– ☆

 

म्हातार्ऱ्या  इतुक्या न  अवघे पाऊणशे  वयमान.

ऊर्जा अजून महान अवघे पाऊणशे वयमान  ।।

 

दंताजींच्या  जागी  बसली ‘ कवळी ‘ कोवळि छान

फ्याशन चा चष्मा चेहर्ऱ्याला, देइ पोक्तशी  शान.

 

अशक्त  थोडे कान  काढती तर्काने अनुमान

‘हो ना हो ना’करते अजुनी  ताठ आमुची मान ।।

 

ड्रेस, गाऊन, बॉयकट  करुनी  परत  जाहलो सान

एसटी  देते  तिकीट  अर्धे  पुन्हां  उलटले  पान ।।

 

‘वय  झाले  वय झाले ‘म्हणुनी गात राहतो  गान

चूक भूलही  क्षम्य  अम्हाला  समाज देतो  मान ।।

 

सिनिअर  सिटिझन  ‘स्मार्ट  पदविने त्रुप्त जाहले कान

म्हातार्ऱ्या म्हणु नकाच, अवघे पाऊणशे वयमान ।।

 

© मीनाक्षी सरदेसाई

‘अनुबंध’, कृष्णा हास्पिटलजवळ, पत्रकार नगर, सांगली.४१६४१६.

मोबाईल  नंबर   9561582372, 8806955070

image_print
3 2 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Shyam Khaparde

अच्छी रचना