सुश्री स्वप्ना अमृतकर
(सुप्रसिद्ध युवा कवियित्रि सुश्री स्वप्ना अमृतकर जी का अपना काव्य संसार है । आपकी कई कवितायें विभिन्न मंचों पर पुरस्कृत हो चुकी हैं।  आप कविता की विभिन्न विधाओं में  दक्ष हैं और साथ ही हायकू शैली की सशक्त हस्ताक्षर हैं। हमने  आपका  “साप्ताहिक स्तम्भ – स्वप्ना अमृतकर यांची कविता अभिव्यक्ती” शीर्षक से प्रारम्भ
किया है। आज प्रस्तुत है सुश्री स्वप्ना जी की  हायकू शैली में कविता “मोहक थेंब”। )

 

साप्ताहिक स्तम्भ – स्वप्ना अमृतकर यांची कविता अभिव्यक्ती # -5 ☆ 

☆ मोहक थेंब ☆ 

 

मोहक थेंब

पाण्यावर सजला

मनी रुजला ..        १

 

हिरव्या रांनी

थेंबा थेंबा ची नक्षी

निसर्ग साक्षी ..       २

 

भिजती पाने

थेंबांची च साखळी

सुमन कळी ..          ३

 

इवलें थेंब

पानावर हालले

स्मित हासले ..       ४

 

उनाड वर्षा

छेडीताच थेंबांना

शांत राहिना ..        ५

 

© स्वप्ना अमृतकर , पुणे

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