डॉ.राजेश ठाकुर
( प्रो डॉ राजेश ठाकुर जी का मंतव्य उनके ही शब्दों में – “पाखण्ड, अंध विश्वास, कुरीति, विद्रूपता, विसंगति, विडंबना, अराजकता, भ्रष्टाचार के खिलाफ़ जन-समुदाय को जागृत करना ही मेरी लेखनी का मूल प्रयोजन है…l” अब आप प्रत्येक शनिवार डॉ राजेश ठाकुर जी की रचनाएँ आत्मसात कर सकते हैं. आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण पूर्णिका “पिता…“.)
साप्ताहिक स्तम्भ ☆ नेता चरित मानस # ६
कविता – “पिता”( पूर्णिका) ☆ प्रो. डॉ. राजेश ठाकुर
🙏1🙏
संतान के स्वप्नों का
संवाहक पिता।
परिवार की ख़ुशियों का
गुण-ग्राहक पिता।।
🙏2🙏
घर के विधि-विधान का
विधायक पिता।
कुटुम्ब की समृद्धि का
प्रस्तावक पिता।।
🙏3🙏
औलाद बे-उसूल तो
आक्रामक पिता।
धन-संसाधन जुटाए
सुख-दायक पिता।।
🙏4🙏
तात जनक बाप पापा
नायक पिता।
पालक वालिद परम
अभिभावक पिता।।
🙏5🙏
सिखाये आचरण-नियम
नियामक पिता।
आशीर्वाद-स्नेह का
परिचायक पिता।।
🙏6🙏
शुभकामनाएँ लाये सदा
लायक पिता।
करे जीवन लय-तालबद्ध
गायक पिता।।
🙏7🙏
सुखद स्वर्णिम बचपन
स्मारक पिता।
हर ज़ख़्म घाव दर्द का
निवारक पिता।।
🙏8🙏
कभी शीतल हिम तो कभी
पावक पिता।
हमारे यश-गौरव का
प्रचारक पिता।।
🙏9🙏
संतति के प्रारब्ध का
उन्नायक पिता।
पुत्र-पुत्री के भविष्य का,
उद्धारक पिता।।
🙏10🙏
संस्कार-कर्म प्रति सजग
विचारक पिता।
‘राजेश‘ प्रथम पूज्य है
विनायक पिता।।
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© प्रो. डॉ. राजेश ठाकुर
शासकीय कॉलेज़ केवलारी
संपर्क — ग्राम -धतूरा, पोस्ट – जामगाँव, तहसील -नैनपुर, जिला -मण्डला (म.प्र.) मोबा. 9424316071
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