श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

(सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी का  हिन्दी बाल -साहित्य  एवं  हिन्दी साहित्य  की अन्य विधाओं में विशिष्ट योगदान हैं। साप्ताहिक स्तम्भ “श्री ओमप्रकाश जी का साहित्य”  के अंतर्गत उनकी मानवीय दृष्टिकोण से परिपूर्ण लघुकथाएं आप प्रत्येक गुरुवार को पढ़ सकते हैं।  आज प्रस्तुत है  “हाइबन- सबसे बड़ा पक्षी। )

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – श्री ओमप्रकाश जी का साहित्य # 78☆

☆ हाइबन- सबसे बड़ा पक्षी ☆

मैं सबसे बड़ा पक्षी हूं। उड़ नहीं पाता हूं इस कारण उड़ान रहित पक्षी कहलाता हूं। मेरे वर्ग में एमु, कीवी पक्षी पाए जाते हैं। चुंकि मैं सबसे बड़ा पक्षी हूं इसलिए सबसे ज्यादा वजनी भी हूं। मेरा वजन 120 किलोग्राम तक होता है। अंडे भी सबसे बड़े होते हैं।

मैं शाकाहारी पक्षी हूं । झुंड में रहता हूं। एक साथ 5 से 50 तक पक्षी एक झुंडमें देखे जा सकते हैं। मैं संकट के समय, संकट से बचने के लिए जमीन पर लेट कर अपने को बचाता हूं । यदि छुपने की जगह ना हो तो 70 किलोमीटर की गति से भाग जाता हूं।

मेरी ऊंचाई ऊंट के बराबर होती है। मैं जिस गति से भाग सकता हूं उतनी ही गति से दुलत्ती भी मार सकता हूं। मेरी दुलत्ती से दुश्मन चारों खाने चित हो जाता है।

मैं अपने खाने के साथ-साथ कंकर भी निकल जाता हूं। यह कंकरपत्थर मेरे खाने को पीसने के काम आते हैं। इसी की वजह से पेट में खाना टुकड़ोंटुकड़ों में बढ़ जाता है।

क्या आप मुझे पहचान पाए हैं ?  यदि हां तो मेरा नाम बताइए ? नहीं तो मैं बता देता हूं। मुझे शुतुरमुर्ग कहते हैं।

अफ्रीका वन~

दुलत्ती से उछला

वजनी शेर।

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

© ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश”

22-01-210

पोस्ट ऑफिस के पास, रतनगढ़-४५८२२६ (नीमच) म प्र

ईमेल  – [email protected]

मोबाइल – 9424079675

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments