श्री एस के कपूर “श्री हंस”
☆ “श्री हंस” साहित्य # 139 ☆
☆ मुक्तक – ।।सोने की चिड़िया वाला हिंदुस्तान नया बनाना है।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆
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[1]
वजह बेवजह जरूर ही एक काम हो।
कुछ हिस्सा वक्त का देश के भी नाम हो।।
कुछ कर्तव्य हो एक नागरिक होने की भी।
बनो सजग प्रहरी न ही गरिमा बदनाम हो।।
[2]
हमारा देश एक बगिया हम सब फूल हैं।
मातृ भूमि की मिट्टी बने माथे की धूल है।।
देश देता हमेंअधिकार और कुछ जिम्मेदारी।
हटाएं खुद भी राह का हर एक शूल है।।
[3]
हमनें बहुत बलिदानों से यह आजादी पाई है।
लेकिनआजादी साथ ही दायित्व भी लाई है।।
जिम्मेदारी स्वाधीनता को सुरक्षित रखने की।
इतिहास गवाह कि शहीदों के लहू से आई है।।
[4]
हम देशवासी हमें ही तो देश बदलना है।
नई सदी में एक नई राह पर लेकर चलना है।।
भारत को विश्व गुरु विश्व नायक है बनाना।
सोने की चिड़िया वाला देश अब ढलना है।।
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© एस के कपूर “श्री हंस”
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