हिन्दी साहित्य – साप्ताहिक स्तम्भ ☆ जय प्रकाश पाण्डेय का सार्थक साहित्य # 67 ☆ आमने-सामने -3 ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय
श्री जय प्रकाश पाण्डेय
(श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी की पहचान भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी के अतिरिक्त एक वरिष्ठ साहित्यकार की है। वे साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनके व्यंग्य रचनाओं पर स्व. हरीशंकर परसाईं जी के साहित्य का असर देखने को मिलता है। परसाईं जी का सानिध्य उनके जीवन के अविस्मरणीय अनमोल क्षणों में से हैं, जिन्हें उन्होने अपने हृदय एवं साहित्य में सँजो रखा है ।
प्रस्तुत है साप्ताहिक स्तम्भ के अंतर्गत आमने -सामने शीर्षक से आप सवाल सुप्रसिद्ध व्यंग्यकारों के और जवाब श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी के पढ़ सकेंगे। इस कड़ी में प्रस्तुत है सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार श्री मुकेश राठौर जी , खरगोन के प्रश्नों के उत्तर । )
☆ जय प्रकाश पाण्डेय का सार्थक साहित्य # 67 ☆
☆ आमने-सामने – 3 ☆
श्री मुकेश राठौर (खरगौन) -
प्रश्न-१
आप परसाई जी की नगरी से आते है| परसाई जी ने अपनी व्यंग्य रचनाओं में तत्कालीन राजनेताओं,राजनैतिक दलों और जातिसूचक शब्दों का भरपूर उपयोग किया | क्या आज व्यंग्यलेखक के लिए यह सम्भव है ...