हिन्दी साहित्य – कथा-कहानी ☆ तरसती आंखें ☆ श्री मनोहर सिंह राठौड़
श्री मनोहर सिंह राठौड़
(ई-अभिव्यक्ति में सुप्रसिद्ध हिंदी एवं राजस्थानी भाषा के साहित्यकार श्री मनोहर सिंह राठौड़ जी का स्वागत है। साहित्य सेवा के अतिरिक्त आप चित्रकला, स्वास्थ्य सलाह को समर्पित। आप कई पुरस्कारों / अलंकरणों से पुरस्कृत / अलंकृत हैं। आज प्रस्तुत है आपकी कहानी तरसती आँखें। हम भविष्य में भी आपके उत्कृष्ट साहित्य को ई-अभिव्यक्ति के पाठकों के साथ साझा करने का प्रयास करेंगे।)
जीवन परिचय
जन्म - 14 नवम्बर, 1948
गाँव - तिलाणेस, जिला नागौर (राज.)
शिक्षा - एम.ए. (हिन्दी) स्वयंपाठी प्रथम श्रेणी, तकनीकी प्रशिक्षण (नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट), एस.एल..ई.टी. स्टेल पास।
साहित्य सृजन –
हिन्दी व राजस्थानी भाषा की सभी विधाओं में 45 पुस्तकें प्रकाशित।
30 अन्य संकलनों, संग्रहों में रचनाएं सम्मिलित।
12 पुस्तकों में भूमिकाएं लिखी। अनेक पुस्तकों की समीक्षाएं लिखी।
लगभग 350 रचनाएं हिन्दी व राजस्थानी की श्रेष्ठ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।
प्रसारण - 55 रचनाएं आकाशवाणी से प्रसारित। दूरदर्शन से प्रसारित 10 वार्त्ताओं, परिचर्चाओं में भागीदारी।
अन्य योगदान -
लगभग 65-70 साहित्यिक उत्सवों, सेमीनार में पत्र वाचन, विशिष्ट अतिथि, अध्यक्षता अथवा संयोजन ।
पिछले...