सूचनाएँ/Information ☆ प्रणेता साहित्य न्यास द्वारा श्रीमती एवं श्री खुशहाल सिंह पयाल स्मृति सम्मान 2024 हेतु प्रकाशित काव्य संग्रह आमंत्रित ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री एस. जी. एस. सिसोदिया

🌹प्रणेता साहित्य न्यास द्वारा श्रीमती एवं श्री खुशहाल सिंह पयाल स्मृति सम्मान 2024 हेतु प्रकाशित काव्य संग्रह आमंत्रित 🌹

प्रणेता साहित्य न्यास द्वारा श्रीमती एवं श्री खुशहाल सिंह पयाल स्मृति सम्मान 2024 हेतु जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2023 तक प्रकाशित सभी पद्य रचनाओं की कृति आमंत्रित हैं।

1. रचनाएँ काव्य के किसी भी रूप (कविता, हाइकु, दोहे, खण्ड काव्य, महा काव्य, गीत, आदि) में हो सकती हैं।

2. इस सम्मान हेतु कृपया प्रणेता साहित्य न्यास के सदस्य ही अपनी कृति प्रेषित करें। जिन साहित्यकारों की सदस्यता नहीं है और इस सम्मान हेतु अपनी कृति प्रेषित करना चाहते हैं, वे संस्थान की सदस्यता ग्रहण करने के उपरांत अपनी कृति प्रेषित कर सकते हैं। इस हेतु वे संस्थान के महासचिव अथवा अध्यक्ष से सम्पर्क कर सकते हैं।

3. पुरस्कार प्राप्ति हेतु रचनाकार की उपस्थिति अनिवार्य है।

4. पुरस्कृत रचनाकार को प्रथम पुरस्कार के रूप में 2100/- व द्वितीय पुरस्कार के रूप में 1500 और तृतीय पुरस्कार के रूप में 1100 धनराशि, अंग वस्त्र तथा सम्मान पत्र से सम्मानित किया जाएगा।

5. दिल्ली या दिल्ली से बाहर के रचनाकारों को किसी प्रकार का यात्रा-भत्ता एवं निवास-स्थान संस्था द्वारा उपलब्ध नहीं करवाया जाएगा।

6. प्रत्येक कृति की दो प्रतियों के साथ, साहित्यकार का साहित्यिक परिचय, दो पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ पुस्तक के साथ भेजना अनिवार्य है।

7. प्रविष्टि भेजने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2024 है।

8. प्रविष्टि भेजने का स्थान – अध्यक्ष, प्रणेता साहित्य संस्थान, 1654 – टाइप 4, दिल्ली आवासीय परिसर, गुलाबी बाग़, दिल्ली-110007

अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें-

1. एस. जी. एस. सिसोदिया, अध्यक्ष, मो. -9868917588 ईमेल – [email protected]

2. श्रीमती शकुंतला मित्तल, महासचिव, मो. 9910809231

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सुश्री दीप्ती कुलकर्णी – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

 

सुश्री दीप्ती कुलकर्णी 

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समुहातील ज्येष्ठ साहित्यिका कवयित्री दीप्ती कुलकर्णी यांच्या खोल डोहाच्या तळातून या काव्यसंग्रहाचे प्रकाशन नुकतेच कोल्हापूर येथे संपन्न झाले.

💐  ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे त्यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा.💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सुश्री सुमन किराणे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सुश्री सुमन किराणे

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समुहातील  ज्येष्ठ  लेखिका सुमन किराणे यांची प्रवास  वर्णनाची चार पुस्तके एकच वेळी जानेवारी महिन्यात प्रकाशित झाली आहेत.

💐  ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे त्यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा.💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ जुझारू साहित्यकार डॉ.राजकुमार शर्मा अनंत में विलीन ☆ विनम्र श्रद्धांजलि ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🙏 💐 जुझारू साहित्यकार डॉ.राजकुमार शर्मा अनंत में विलीन – विनम्र श्रद्धांजलि 💐🙏

28/1/24 को शाम 8 बजे,  डॉ. राजकुमार शर्मा, जो प्रयागराज के विख्यात साहित्यकार थे, हमें छोड़कर चले गए। उन्होंने अपना पूरा जीवन हिंदी साहित्य को समर्पित किया और उनका योगदान अविस्मरणीय है। हमें एक महान साहित्यिक की कमी महसूस होगी, परंतु उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी।

डॉ राजकुमार शर्मा प्रयागराज के उन वयोवृद्ध साहित्यकारों में से थे जिन्होने अपना पूरा जीवन हिंदी साहित्य को समर्पित कर दिया। देवबंद सहारनपुर से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए संभवत: 1956 में आए थे, इनको इलाहाबाद का साहित्यिक वातावरण इतना रुचा कि फिर यहीं के होकर रह गए।  उन्होंने त्रिवेणी प्रकाशन की स्थापना की और अनेक लेखकों साहित्यकारों की पुस्तकों का प्रकाशन किया।

उन्होंने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के संस्मरण पुस्तक लिखी। इसके अलावा देवता नहीं हूं मैं, मुक्तक शतक, रावण की निगाहें उनकी कहानियों और कविताओं के  संकलन भी प्रकाशित हुये । वे जीवन पर्यन्त निःस्वार्थ भाव से साहित्यसेवा में निरंतर लगे रहे।

उन्होंने अखिल भारतीय हिन्दी सेवी संस्थान की स्थापना की जिसके माध्यम से वे अनेक वर्षो से इलाहाबाद में साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजन करते रहे। महादेवी वर्मा के साथ साहित्यकार पत्रिका का सम्पादन भी किया।

उनकी धर्मपत्नी, श्रीमती सरोज शर्मा, भी एक उत्कृष्ट कवयित्री और लेखिका थीं। गत वर्ष 5 अक्टूबर को उनका भी देहांत हो गया था। उनके परिवार तीन बेटियां और एक पुत्र है। 

🙏 ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ राजकुमार शर्मा जी को विनम्र श्रद्धांजलि 🙏

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ हिंदी विभाग द्वारा मॉडर्न महाविद्यालय में राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न ☆ प्रस्तुति – डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌸 हिंदी विभाग द्वारा मॉडर्न महाविद्यालय में राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न 🌸

हिंदी विभाग, मॉडर्न कला,  विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला का भव्य एवं प्रासंगिक आयोजन, सार्थक-परिपूर्ण व्याख्यान, अध्ययनशील श्रोता वर्ग के सुंदर संमिश्रण के साथ मॉडर्न महाविद्यालय के स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर सभागार में 28 जनवरी 2024 को संपन्न हुआ l इस कार्यशाला हेतु बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र, शिवाजीनगर, पुणे ने हिंदी विभाग को 15,000 /- रुपयों का प्रायोजकत्व प्रदान किया था l    

हिंदी विभाग द्वारा अनुवाद के साहित्य और साहित्येतर क्षेत्रों में वर्तमान समय में बढती माँग के कारण इस क्षेत्र के विविध रोजगार के अवसर और अनुवाद का आरंभ, पूर्ण प्रक्रिया, पुस्तक निर्माण-प्रकाशन आदि के संदर्भ में सार्थक चर्चा करने के उद्देश्य से इस राज्यस्तरीय अनुवाद की कार्यशाला का आयोजन किया गया था l

प्रस्तुत कार्यशाला में मराठी-हिंदी के वरिष्ठ अनुवादक श्री. गणेश विसपुते जी ने ‘अनुवाद और सृजनात्मकता’, उपप्रबंधक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, शिवाजीनगर, पुणे और हिंदी के प्रसिद्ध कहानीकार डॉ. राजेंद्र श्रीवास्तव जी ने ‘अनुवाद की सैद्धांतिक प्रक्रिया’, मराठी-हिंदी के सुप्रसिद्ध अनुवादक डॉ. गोरख थोरात जी ने ‘साहित्यिक अनुवाद’ और अंग्रेजी-मराठी के लेखक-अनुवादक प्रमोद मुजुमदार जी ने ‘साहित्येतर अनुवाद के विभिन्न क्षेत्र’ विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया तथा उपस्थित अध्येताओं को मार्गदर्शन किया l  सभी वक्ताओं ने प्रत्यक्ष अभ्यास भी उपस्थित प्रतिभागियों से करवाया l             

कार्यशाला का संयोजन हिंदी विभागप्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे ने किया तथा हिंदी विभाग की सक्रियता के संदर्भ में डिजिटल प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया और अनुवाद कार्यशाला के आयोजन की भूमिका प्रस्तुत की l महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव ने  सभी अतिथियों का स्वागत किया l साथ ही हिंदी विभाग के सफल आयोजन पर बहुत संतुष्टि जताई l

इस कार्यशाला में पुणे तथा लातूर, मुंबई, ठाणे, वर्धा, कोंकण आदि स्थानों से छात्र, प्राध्यापक, राजभाषा अधिकारी आदि 55 प्रतिभागी सम्मिलित हुए l सभी ने संपूर्ण आयोजन और वक्ताओं के व्याख्यान की प्रशंसा करते हुए अच्छी प्रतिक्रियाएं दी l कार्यशाला का मंचसञ्चालन हिंदी विभाग की प्रा. सारिका मुंद्रा ने किया l समन्वयक के तौर पर प्रा. मुमताज पठान और प्रा. सूरज बिरादार तथा हिंदी विभाग की छात्र समिति ने कार्य किया l

 साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

अध्यक्ष, हिंदी विभागाध्यक्षा

संपर्क – मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५ मो – 7028525378 /

ईमेल – [email protected][email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ व्यंग्यम की मासिक गोष्ठी संपन्न ☆ प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री जय प्रकाश पाण्डेय

🌹व्यंग्यम की मासिक गोष्ठी संपन्न🌹

जबलपुर। व्यंग्य विधा के उन्नयन के लिए समर्पित ‘व्यंग्यम’ जबलपुर द्वारा अपनी मासिक गोष्ठी का आयोजन जय नगर स्थित पाण्डेय निवास में किया गया | जिसमें श्री सुरेश “विचित्र” द्वारा ‘राजनीति में सब जायज है’श्री ओ. पी.  सैनी द्वारा ‘झंडा’, श्री रमाकांत ताम्रकार द्वारा ‘पोस्ट ऑफिस’, श्री जय प्रकाश पाण्डेय द्वारा ‘मामा के ढाबे में चुनाव अखाड़ा’, श्री अभिमन्यु जैन द्वारा ‘शहर हुआ शराबखाना’ तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए देश के प्रख्यात व्यंग्यकार प्रोफेसर श्री कुंदन सिंह परिहार द्वारा ‘सुरक्षित सम्मान की गारंटी’ व्यंग्य का पाठ करते हुए मजाज़ के लेखन पर चर्चा की।. 
कार्यक्रम के अंत में ख्यातिलब्ध कवि स्व. मलय जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम का संचालन श्री रमाकांत ताम्रकार ने तथा आभार प्रदर्शन श्री अभिमन्यु जैन ने किया।

साभार –  श्री जय प्रकाश पाण्डेय

416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002  मोबाइल 9977318765  

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला, 28 जनवरी 2024 ☆ प्रस्तुति – डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌸 राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला (हिंदी, मराठी,अँग्रेजी (सभी के लिए खुला)) 28 जनवरी 2024 ☆ प्रस्तुति – डॉ प्रेरणा उबाळे 🌸

प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसायटी के मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), (हिंदी विभाग), छत्रपति शिवाजीनगर, पुणे – 05 एवं शब्दसृष्टि भारतीय साहित्य, कला व सांस्कृतिक प्रतिष्ठान तथा डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र, मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में सभी शाखाओं के छात्र, प्राध्यापक, अनुवादक आदि के लिए राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला (हिंदी, मराठी, अँग्रेजी भाषा के संदर्भ में) आयोजित है। 

विशेष –

🌺 प्रातः  9.30 से सायं. 5.00 बजे  तक

🌺 साहित्य अकादमी पुरस्कृत अनुवादकों का मार्गदर्शन

🌺 राज्यस्तरीय एकदिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला का प्रमाणपत्र

🌺 250/- रुपयों की अनुवाद की पुस्तक भेंट

🌺 भोजन और चाय की व्यवस्था मौजूद

🌺 पंजीकरण शुल्क – रू 500/-

🌺 कार्यशाला का स्थल- स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर सभागृह, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे 411005

अनुवाद प्रशिक्षण कार्यशाला में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए निम्न गूगल फार्म भरें।

गूगल फार्म का लिंक 👇🏻

https://forms.gle/LovMREjgP7FaE3367  

अधिक जानकारी हेतु संपर्क –

डॉ. प्रेरणा उबाळे

अध्यक्ष, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५

संपर्क – मो – 7028525378 /

ईमेल – [email protected][email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी’ की कहानी ‘बरसात का मजा’ पाठ्‌यक्रम में सम्मिलित – अभिनंदन☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी’ की कहानी ‘बरसात का मजा’ पाठ्‌यक्रम में सम्मिलित – अभिनंदन ☆

रतनगढ़। नई शिक्षा नीति- 2024 के तहत निर्मित होने वाले पाठ्‌यक्रम को इसी अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इस के तहत रोचक, सरल, सहज व आनंददायक पठन के स्तर के अनुरूप पाठ्‌य पुस्तकों का निर्माण किया जा रहा है। इस नई शिक्षा नीति के अनुरूप निर्मित नवीन पाठ्‌यक्रम की निजी विद्यालय की कक्षा 2 री की हिन्दी पाठ्य पुस्तक – नई रंगोली-भाग-2 में ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ की कहानी – बरसात का मजा, को शामिल किया गया है। पाठ्‌यक्रम समिति की अनुशंसा व चयन उपरांत इस पुस्तक को न्यू सरस्वती हाउस प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया है।

नीमच जिले के शिक्षक बाल साहित्यकार की कहानी को पाठ्‌यक्रा में सम्मिलित होकर प्रकाशित होने पर आपको ईष्टमित्रों व साथियों ने हार्दिक बधाई दी हैं।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ मॉडर्न कॉलेज, पुणे (हिंदी विभाग) द्वारा विश्व हिंदी दिवस और हिंदी फिल्म फेस्टिवल आयोजित ☆ प्रस्तुति – डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌸 मॉडर्न कॉलेज, पुणे (हिंदी विभाग) द्वारा विश्व हिंदी दिवस और हिंदी फिल्म फेस्टिवल आयोजित 🌸

हिंदी विभाग की ओर से विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हिंदी फिल्म फेस्टिवल 10 और 11 जनवरी 2024 को मॉडर्न महाविद्यालय (स्वायत्त), छत्रपति शिवाजीनगर, पुणे 05 स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर सभागृह में संपन्न हुआ l दो दिन के हिंदी फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन प्रो. सुमित पॉल (भाषावेत्ता, लंदन) के करकमलों से संपन्न हुआ l विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर प्रो. सुमित पॉल का “हिंदी फिल्मों का हिंदी भाषा के वैश्विक प्रचार-प्रसार में योगदान” विषय पर प्रासंगिक व्याख्यान हुआ l हिंदी फिल्म और गीतों के अनेक उदाहरण देते हुए हिंदी भाषा कैसे सबकी जुबान पर चढ़ गई और वह व्याप्त हो गई, इसका सरस वर्णन प्रो. सुमित पॉल ने किया l विभिन्न देशों में हिंदी फिल्में देखी जाती हैं l कुछ लोग भाषा से अनभिज्ञ होने पर भी बार-बार गीत सुनकर उसे सीखते हैं l बी.बी.सी. के लिए दिलीपकुमार का साक्षात्कार लेते समय प्रो. सुमित पॉल ने यह जाना कि भाषा सीखने के लिए भाषा एक सरल और प्रभावी माध्यम है l दिलीपकुमार को हिंदी फिल्में मिलना शुरू होने के बाद वे हिंदी भाषा सीखे तब तक वे उर्दू भाषा ही बोलते थे l परंतु हिंदी फिल्म देखकर उन्होंने भाषा अवगत की l इस प्रकार के कई उदाहरण प्रो. पॉल ने बताए l इसके अतिरिक्त मुहम्मद रफ़ी के गीतों में भाषा का प्रयोग, फिल्मों में संवाद लेखन आदि प्रो. पॉल ने प्रकाश डाला l दूसरी तरफ हिंदी फिल्मों ने भाषा के व्याकरण और भाषा की संरचना को कैसे गलत रूप में प्रभावित किया यह भी व्याख्यान में बताया l

10 जनवरी को इस व्याख्यान के अतिरिक्त हिंदी विभाग, मॉडर्न महाविद्यालय  द्वारा हिंदी फिल्म फेस्टिवल में ‘ आई ऍम कलाम’ और 11 जनवरी को ‘ हिचकी ’ फिल्में दिखाई गई l शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान देनेवाली दो फिल्में देखकर छात्रों को प्रसन्नता हुई , उन्होंने दोनों फिल्मों पर समीक्षाएं भी लिखीं l

दोनों दिनों के कार्यक्रम के लिए मॉडर्न महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव उपस्थित थे l उन्होंने प्रासंगिक व्याख्यान और हिंदी फिल्म फेस्टिवल के आयोजन की प्रशंसा की और छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में हिंदी के उपयोग की जानकारी देना आवश्यक माना l उन्होंने विद्यार्थी जीवन में अध्ययन और अन्य गतिविधियों करना उपयुक्त प्रतिपादित किया l प्रोग्रेसिव एज्युकेशन सोसायटी के सचिव और उपप्राचार्य प्रा. शामकांत देशमुख ने हिंदी के साहिर लुधियानवी, गुलजार, जावेद अख्तर के गीतों की भाषा का स्मरण कराया साथ ही विभिन्न अभिनेताओं के संवाद कहने की पद्धति की विशेषताओं पर प्रकाश डाला l कुछ वर्षों पहले फिल्मों के संवादों के कैसेट्स निर्माण होते थे l संवादों का प्रभाव दर्शकों पर गहरा होता था l वाणिज्य शाखा के उपप्राचार्य डॉ. विजय गायकवाड ने वाणिज्य के क्षेत्र में हिंदी भाषा के प्रयोग का महत्त्व प्रतिपादित किया l साथ ही फिल्मों में हिंदी के छात्रों के लिए विभिन्न अवसरों की जानकारी दी l

हिंदी विभागाध्यक्षा डॉ. प्रेरणा उबाळे ने विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय हिंदी फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया था l उन्होंने अपनी भूमिका में बताया कि 2016 से हिंदी विभाग द्वारा हिंदी फिल्म क्लब के अंतर्गत प्रति वर्ष 02 फिल्म दिखाई जाती हैं जो हिंदी साहित्य से निर्मित हुई हैं l फिल्म निर्माण पर आधारित कुछ कार्यशालाओं का आयोजन भी हिंदी फिल्म क्लब निरंतर करता है l कार्यक्रम का मंच संचालन हिंदी विभाग की प्राध्यापिका सारिका मुंदड़ा ने किया तथा आभार ज्ञापन प्रा. सूरज बिरादर और प्रा. मुमताज पठान ने किया l विभिन्न शाखाओं के छात्रों ने दोनों दिन बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्शाई l

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५

संपर्क – 7028525378 / [email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना/Information ☆ आचार्य भगवत दुबे जी – गायत्री शिखर सम्‍मान से सम्मानित – अभिनंदन  ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? आचार्य भगवत दुबे जी – गायत्री शिखर सम्‍मान से सम्मानित – अभिनंदन  ?

डॉ. गायत्री तिवारी स्‍मृति समारोह – समाजतंत्र की कहानियॉ

जबलपुर । प्रतिष्ठित साहित्‍यकार 50 से अधिक कृतियों के रचयिता, महा‍कवि आचार्य भगवत दुबे की साहित्यिक साधना का स्‍तवन करते हुए उन्‍हें डॉ. ‘गायत्री शिखर सम्‍मान’ से अलंकृत किया गया। अवसर था ‘पाथेय साहित्‍य कला अकादमी’ के तत्‍वावधान में आयोजित कथाकार डॉ. गायत्री तिवारी स्‍मृति विचार संगोष्‍ठी एवं सम्‍मान समारोह का।

समारोह के मुख्‍य अतिथि  डॉ.कृष्‍णकांत चतुर्वेदी थे।अध्यक्षीय मंगलकामनाये डॉ. राजकुमार ‘सुमित्र’ ने व्यक्त की। विशिष्‍ट अतिथि  साधना उपाध्‍याय, अशोक मनोध्या, प्रतुल श्रीवास्‍तव थे।

वक्‍ताओं ने कहा कि समाजतंत्र से सम्बद्ध ऐसा साहित्‍य जो समाज के प्रत्‍येक वर्ग का प्रतिनिधित्‍व करता है, वही सार्थक साहित्‍य होता है। डॉ.गायत्री तिवारी ने अपनी कहानियां एवं कविताओं में इस पक्ष का विशेष ध्‍यान रखा। प्रारंभ में संयोजक राजेश पाठक ‘प्रवीण’ ने आयोजन की पृष्‍ठभूमि पर प्रकाश डाला।

इन संस्‍थाओं का हुआ सम्‍मान

समारोह में आचार्य भगवत दुबे का स्‍तवन करते हुए नगर में राष्‍ट्रीय, अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर क्रियाशील संस्‍था गुंजनकला सदन, वर्तिका, मंथनश्री, त्रिवेणी परिषद, अनेकांत, जागरण साहित्‍य समिति, हिन्‍दी लेखिका संघ, सृजन पथ, आभा साहित्‍य संघ, गूँज अंतस, सशक्‍त हस्‍ताक्षर, बुन्‍देली संस्‍कृति परिषद अंतस एवं अपनी डांस फेमिली को सम्‍मानित किया गया। यह सम्‍मान अतिथियों के साथ डॉ.भावना शुक्‍ल (नोयडा), प्रेमनारायण जी  (नोयडा), श्रीमती निर्मला तिवारी, यशोवर्धन पाठक, डॉ.मोहिनी तिवारी, आराध्‍या प्रियम, विजय जायसवाल, संतोष नेमा सहित अन्‍य ने प्रदान किया। संचालन राजेश पाठक प्रवीण एवं आभार डॉ. हर्ष तिवारी ने व्‍यक्‍त किया।समारोह में अरुण श्रीवास्तव, संतोष नेमा, राजेंद्र मिश्रा, आशुतोष तिवारी, मिथिलेश नायक, चंद्र प्रकाश वैश्य, सुभाष शलभ रत्न ओझा, सिद्धेश्वरी सराफ़, प्रभा विश्वकर्मा शील की सहभागिता की सहभागिता रही।

 साभार – श्री संतोष नेमा “संतोष” 

? ई-अभिव्यक्ति की ओर से इस अभूतपूर्व सम्मान के लिए आचार्य भागवत दुबे जी का अभिनंदन एवं हार्दिक बधाई ?

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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